By - Himanshu Mishra
दोस्तों ! नवरात्रि भारत में धूमधाम से मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। इसमें 9 दिनों तक दुर्गा माता की आराधना के साथ ही व्रत करना शामिल है।
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दोस्तों ! जिस तरह से नवरात्रि के 9 दिनों में अलग-अलग देवी के स्वरूप की पूजा करने का विधान होता है उसी तरह से इन नौ दिनों तक नौ देवियों का भोग भी अलग-अलग होता है. आइए जानते हैं नवरात्रि के 9 दिनों में देवी को अलग-अलग प्रसाद अर्पित करने का महत्व.
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दोस्तों ! यह दिन माँ शैलपुत्री को समर्पित है इस दिन माता को घी और दूध का भोग लगाएं घी में हेल्थी फैट और दूध में कैल्सियम सेहत के लिए अच्छा है.
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पहला दिन
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दोस्तों ! इस दिन माँ ब्रह्मचारिणी को भोग लगता है माता को मिश्री का भोग लगाएं यदि आपका व्रत है तो चीनी खाने के बजाय मिश्री खाएं इससे ब्लड शुगर कंट्रोल रहेगा.
दूसरा दिन
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दोस्तों ! इस दिन मां चंद्रघंटा को भोग लगाएं माता को दूध से बनी चीजें जैसे समा की खीर या पंचामृत भोग में अर्पित करें चीनी न ड़ालकर किसमिस और खजूर डालें.
तीसरा दिन
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दोस्तों ! इस दिन माँ कुष्मांडा को सिंघाड़े या कुट्टू के आटे से बने मालपुआ का भोग लगाएं इसको आप भी खा सकते हैं जिससे व्रत में भी आपको एनर्जी मिलेगी.
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दोस्तों ! यह दिन माँ स्कंदमाता को अर्पित है इस दिन माता को केले का भोग चढ़ाया जाता है केले में भारी मात्रा में फाइबर होता है जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है.
पांचवा दिन
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दोस्तों ! यह दिन माँ कात्यायनी को समर्पित है इस दिन माता को शहद का भोग लगता है शहद न सिर्फ खाने के लिए बल्कि स्किन में चमक देने के लिए भी जाना जाता है.
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दोस्तों ! इस दिन माँ कालरात्रि की पूजा होती है माता को गुड़ का भोग लगाया जाता है गुड़ खाने से शरीर में फाइबर की कमी पूरी होती है जिससे पाचन शक्ति मज़बूत होती.
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दोस्तों ! आठवें दिन मां के अष्टम स्वरूप महागौरी की पूजा की जाती है। इस दिन माता को नारियल का भोग लगाना चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
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दोस्तों ! नौंवा दिन माता रानी को हलवा और चने का भोग चढ़ाया जाता है चना खाने से फाइबर मिलता है इससे डाइजेस्ट सिस्टम अच्छा होता है साथ ही ओवरइटिंग नहीं होती.